टेक्नोक्रेट बनाम
ब्यूरोक्रेट – सोच का फर्क
दर्द से नहीं कराहेंगे जानवर
स्रोत-- आशीष सक्सेना— जागरण
छोटे जानवर ही नही, हाथियों की भी होगी फिजियोथेरेपी
हड्डी टूटने, नस दबने, मांसपेशी जाम होने की मिलेगी दवा
बरेली : जानवर अब दर्द से नहीं कराहेंगे। वैज्ञानिकों ने इसका तोड़ ढूंढ लिया
है। इसके लिए कारगर हथियार बनी है-फिजियोथेरेपी। बात चौंकाने वाली जरूर है मगर
इंसानों की तरह होने वाला यह इलाज ईजाद किया है देश के प्रमुख भारती पशु चिकित्सा
अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) ने। हड्डी टूट जाए, नसें या मांसपेशियां जाम हों तो फिजियोथेरेपी
से उसे दूर कर दिया जाएगा। कुत्ते, बकरी, हिरन, घोड़े, गाय, भैंस आदि छोटे जानवरों का इलाज इस तकनीक से
सफलतापूर्वक चल रहा है। अब बड़े जानवर यानी हाथी, ऊंट आदि को भी इसका लाभ मिल सकेगा।
दरअसल, इंसानों की तरह ही जानवरों में हड्डी और मांसपेशियों से जुड़े रोग बहुतायत से
होने लगे हैं। कई बार आपसी संघर्ष के चलते हड्डियां टूट जाती हैं। सही इलाज न मिल
पाने की वजह से बेजुगान दर्द से कराहते रहते हैं। कई बार दर्द निवारक दवाएं फौरी
राहत तो दे देती हैं मगर दर्द पूरी तरह ठीक नहीं हो पाता।
इसी को ध्यान में रखते हुए आइवीआरआइ की वेटनरी रिसर्च डिवीजन के वैज्ञानिकों
ने पशुओं के लिए फिजियोथेरेपी तकनीक ईजाद की है। इसके जरिए हड्डी टूटने, नसें या मांसपेशियां जाम होने से लाचार होने वाले पशुओं का इलाज किया जा रहा
है।
पॉलीक्लीनिक इंचार्ज डा. अभिजित पावड़े बताते हैं कि पहले मांसपेशियों या नसों
में खिंचाव के लिए सिर्फ एक्यूपंक्चर, मसाज और तैराकी से ही ठीक किया जाता था। उसके
रिजल्ट बेहतर नहीं आ पाते थे। अब हम काफी आगे बढ़ चुके हैं। इसके लिए ज्यादा कारगर
फिजियोथेरेपी उपलब्ध है।
दूसरी तरफ जनता व पूरा समाज
कराह उठेगा
अभी दो दिन पहले
लखनऊ में महानिदेशक पुलिस ने प्रदेश भर के पुलिस को नसीहत का पाठ पढ़ाया. सन्वेदनशील
और दयालु होने की घुट्टी पिलाई,लेकिन पुलिस आचरण और कार्य करने काढंग है कि सुधर
ही नहीं रहा है. गाजीपुर के दलितबस्ती ऊसरगाँव के युवक-युवती प्रेम-प्रसंग में भग
गए थे.पुलिस युवक के दोस्त घनश्याम राम को दो दिन थाने में पूछताछ किया. माँ हाथ
जोड़ बच्चे की भीख मांगती रही और माँ पार्वती देवी के सामने उसकी बेरहमीं से पिटाई
की जाती रही. मिन्नतकरने पर उसे धमकाते हुए भगा दिया. पिटाई के बाद हालत बिगड़ने पर
उसे छोड़ दिया. परिवारवाले उसे अस्पताल लेकर गए,लेकिन रास्ते में ही चोट के कारण
उसकी मृत्यु हो गयी. जनता बौखला गयी. अफसर बुलाने पर भी नहीं आये. पुलिसचौकी
हंसराजपुर ,तथा पुलिस की जीप वगैरह फूंक दिया.
दूसरी घटना आगरा के जगनेर के सरेंधीचौराहे की पुलिस चौकी की है. वहाँ एक २८
साल काफौजी जो अपनी बहन की शादी का कार्ड्स देनेनिकला था, ठीक पुलिस चौकी के सामने
ट्रक से कुचलकर मर गया, सामने पुलिसवाले खड़े थे,न मेडिकल सहायता न ट्रक को पकड़ने
का प्रयत्न.जनता ने यहाँ भी अफसरों को बुलाने का प्रयास किया. न आने पर जनता ने
पुलिस चौकी को फूंक दिया.
तीसरी इसी तरह की घटना जौनपुर की है
जालौन, जागरण संवाददाता। उरई क्षेत्र के बघौरा में घर में घुसे चोर को पकड़ने वाले गृहस्वामी को गर्म कपड़े पहनने का मौका दिए बिना पुलिस उसे भी रात में कोतवाली ले आई। चोर को तो कंबल दे दिया पर गृहस्वामी को उसी हालत में बैठाए रही। उसकी हालत बिगड़ी तो पुलिस ने अस्पताल के बजाय उसे घरवालों को सौंप दिया। परिजन जब जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो उसे झांसी रिफर कर दिया गया। झांसी पहुंचने से पहले उसने दम तोड़ दिया। शुक्रवार रात बघौरा में श्रीधर दोहरे (50 वर्ष) के घर में चोर घुस आया था। श्रीधर ने चोर को दबोच लिया। सूचना पर कोतवाली पुलिस चोर के साथ गृहस्वामी श्रीधर को भी कोतवाली ले आई। श्रीधर के शरीर पर गर्म कपड़े नहीं थे। चोर को कंबल दिया गया लेकिन श्रीधर जैसे आए थे उसी हालत में उन्हें पांच घंटे बैठना पड़ा। ठंड से सुबह पांच बजे उनकी हालत बिगड़ गई। पुलिस ने श्रीधर को घरवालों के हवाले किया। शनिवार सुबह घर वालों ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से उन्हें झांसी रिफर किया पर रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। श्रीधर की पत्नी राजेंद्र देवी का कहना है कि पुलिस की संवेदनहीनता से पति की मौत हुई है।
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