Sunday, March 13, 2011

नौकरी की तलाश में लखनऊ

खुद को समीक्षा अधिकारी होने का दावा कर एक व्यक्ति ने नौकरी की तलाश में लखनऊ आई युवती को अपने जाल में फंसा लिया। उसने युवती को सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के ही पद पर नियुक्ति दिलाने का भरोसा दिलाकर 50 हजार रुपये हड़प लिए थे। आरोपी युवक रुपये ऐंठने के बाद फरार हो गया था। रविवार को युवती ने हनुमान सेतु के पास आरोपी को देखकर इसकी सूचना 100 नंबर पर दी और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
बिलग्राम, हरदोई निवासी सुशील गुप्ता की बेटी आरती नौकरी की तलाश में लखनऊ आई थीं। वह इंदिरानगर में अपनी बहन के घर ठहरी थीं। पुलिस के मुताबिक 22 सितम्बर 2010 को ओसीआर बिल्डिंग के पास सुल्तानपुर निवासी फैजान ने खुद को समीक्षा अधिकारी बताकर आरती को अपनी बातों में उलझा लिया। उसने आरती को समीक्षा अधिकारी की नौकरी दिलाने का झांसा देकर 50 हजार रुपये ऐंठ लिए थे। फैजान ने आरती को बताया था कि वह ओसीआर बिल्डिंग में ही रहता है। नौकरी न लगने पर आरती ने जब रुपये वापस मांगे तो फैजान अपना फोन बंद कर भाग निकला था। इंस्पेक्टर हुसैनगंज के मुताबिक रिपोर्ट दर्ज कर फैजान को गिरफ्तार कर लिया गया है।
  • नई दिल्ली। फर्जीवाड़ा करके पायलट बन एयर इंडिया में नौकरी हासिल करने का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने इस सिलसिले में फर्जीवाड़ा करने वाले एयर इंडिया के पायलट को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गिरफ्तार किया है। उसे देश के एयरलाइंस नियामक से फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल कर पायलट का लाइसेंस हासिल करने के आरोप में बंदी बनाया गया है।
    एक हफ्ते के भीतर फर्जीवाड़े के मामले में यह दूसरे पायलट की गिरफ्तारी है। जाली अंकपत्र इस्तेमाल करने के मामले में दो अन्य पायलटों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। वे फरार हैं। इससे चिंतित नागरिक उड्डयन सचिव नसीम जैदी ने कहा कि डीजीसीए करीब चार हजार पायलटों के लाइसेंस की नए सिरे से जांच कर रहा है।
    नागरिक उड्डयन महानिदेशालय [डीजीसीए] की शिकायत पर जांच के बाद दिल्ली पुलिस ने शनिवार रात कैप्टन जेके वर्मा को दबोच लिया। डीजीसीए की शिकायत में कहा गया था कि कुछ पायलटों ने जाली मार्कशीट का इस्तेमाल करके लाइसेंस हासिल किया है। वर्मा के खिलाफ कार्रवाई के पूर्व इसी तरह के मामले में इंडिगो की निलंबित महिला पायलट परमिंदर कौर गुलाटी को आठ मार्च को गिरफ्तार किया गया था। गुलाटी ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर अनिवार्य एयरलाइंस ट्रासपोर्ट पायलट लाइसेंस [एएलटीपी] हासिल किया था। वर्मा ने भी लाइसेंस हासिल करने के लिए पायलट लाइसेंस परीक्षा के फर्जी अंकपत्र का इस्तेमाल किया था।
    दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 'डीजीसीए ने हमें फर्जीवाड़ा करने वाले और पायलटों के नाम मुहैया कराए हैं। अब हमारे निशाने पर इंडिगो की पायलट मीनाक्षी सहगल और एमडीएलआर के पायलट स्वर्ण सिंह तलवार हैं।' अधिकारी का कहना है कि फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आने के बाद उत्तर दिल्ली निवासी मीनाक्षी सहगल और जयपुर निवासी तलवार फरार हो गए हैं।

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