नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि अभद्र भाषा का प्रयोग किसी को नौकरी से हटाने का आधार नहीं हो सकता। हाई कोर्ट ने अपने वरिष्ठ अधिकारी के प्रति अभ्रद भाषा का प्रयोग करने के कारण निलंबित किए गए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल [सीआइएसएफ] के जवान का निलंबन रद कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जवान कभी-कभी अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं लेकिन इसे सेवा से हटाने का आधार नहीं बनाया जा सकता।
हाल ही में दिए इस फैसले में कोर्ट ने सेवा से हटाए गए सीआइएसएफ के जवान कृष्णपाल सिंह की बहाली का आदेश दिया है। पानीपत में तैनात इस जवान को वर्ष 2002 में अपने वरिष्ठ अधिकारी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करने के कारण सेवा से हटा दिया गया था। कृष्णपाल ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी। सीआइएसएफ की ओर से कहा गया था कि कृष्णपाल ने वरिष्ठ उप निरीक्षक आर.एल. पंडित के साथ कहासुनी के बाद उनके साथ गाली गलौज की थी। कोर्ट ने नौकरी से निकाले जाने के निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उन परिस्थितियों का विश्लेषण नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की, जिस कारण से कृष्णपाल और पंडित के बीच कहासुनी हुई थी।
हाल ही में दिए इस फैसले में कोर्ट ने सेवा से हटाए गए सीआइएसएफ के जवान कृष्णपाल सिंह की बहाली का आदेश दिया है। पानीपत में तैनात इस जवान को वर्ष 2002 में अपने वरिष्ठ अधिकारी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करने के कारण सेवा से हटा दिया गया था। कृष्णपाल ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी। सीआइएसएफ की ओर से कहा गया था कि कृष्णपाल ने वरिष्ठ उप निरीक्षक आर.एल. पंडित के साथ कहासुनी के बाद उनके साथ गाली गलौज की थी। कोर्ट ने नौकरी से निकाले जाने के निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उन परिस्थितियों का विश्लेषण नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की, जिस कारण से कृष्णपाल और पंडित के बीच कहासुनी हुई थी।
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