धार्मिक नगरी पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर के ठीक सामने एक मठ में खजाना छुपा हुआ था। इस खजाने के बारे में किसी को नहीं पता था लेकिन जब राज खुला तो सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं। मंदिर के सामने मौजूद मठ में एक गुप्त कमरे में चांदी की ईंटों का अंबार लगा था। इस खजाने का खुलासा तब हुआ जब मठ की मरम्मत का काम चल रहा था। पिछले कई दिनों से पुरातत्व विभाग इस मठ की मरम्मत करा रहा था।पुलिस ने शनिवार को लगभग 75 करोड रूपए मूल्य की चांदी की 522 ईटों को एक मन्दिर से बरामद किया है। इन्हें लकडी के तीन बक्सों में रखकर छुपाया गया था। ईटों का पता तब चला जब मन्दिर के पास स्थित मठ से दो लोगों ने चांदी की कुछ ईटे चुराई। पुलिस ने जांच की तो चांदी का भंडार सामने आया। पुलिस ने चोरी के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उनसे पूछताछ कर रही है। ये दोनों मठ में काम करने गए थे।उड़ीसा के धार्मिक शहर पुरी में 700 साल पुराने एक मठ से चांदी की 522 ईंटे मिली हैं. बरामद हुई ईंटों का वज़न 18.87 टन है और बाज़ार में इसकी क़ीमत क़रीब 90 करोड़ रुपए है. चार बड़े संदूक़ों में बंद ये ईंटें पुरी के विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के ठीक सामने स्थित एमार मठ के एक बंद तहखाने में से मिली हैं. इसका न कोई दरवाज़ा था न कोई झरोखा. पुरी के एसपी संजय कुमार ने कहा, "चांदी की ये ईंटें कम से कम सौ साल पुरानी लगती हैं.पुरी के प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर के सामने स्थित प्राचीन एमार मठ से शनिवार को 90 करोड़ रुपए कीमत की 18 टन से ज्यादा चांदी बरामद हुई है। चांदी की 522 ईटें लकड़ी के चार संदूकों से मिली हैं। एर्क ईट करीब 38 से 40 किलोग्राम की है। इनपर संयुक्त अरब अमीरात, जापान, चीन व दुबई की सील लगी हुई है। पुलिस ने बताया कि हाल में चोरी की चांदी की ईटें बेचते हुए गिरफ्तार व्यक्ति से मिली जानकारी पर यह कार्रवाई की गई। पुरी के जगन्नाथ मंदिर के पास एमार मठ के एक जीर्ण कमरे में इन ईटों को लकडी के तीन बक्सों में छुपाया गया था।
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