भुवनेश्वर ।। माओवादी मध्यस्थों से किए गए वादों को निभाते हुए उड़ीसा सरकार ने शनिवार को कहा कि जब तक माओवादी अवैध गतिविधियों में लिप्त नहीं पाए जाते तब तक सुरक्षा बल कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। इसका मतलब यह माना जा रहा है कि उड़ीसा नक्सलियों के लिए नया स्वर्ग बनने जा रहा है।
मुख्य सचिव बी. के. पटनायक ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'मध्यस्थों से हुए समझौते के मुताबिक हमने खोज अभियान रोक दिया है। जब तक माओवादी अवैध गतिविधियों में लिप्त नहीं पाए जाते तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।' उन्होंने कहा कि मध्यस्थों के साथ 22 फरवरी को राज्य सरकार द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं का राज्य सरकार सम्मान करेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि अगर स्थिति शांतिपूर्ण रही तो बल प्रयोग की जरूरत नहीं है।
जानकारों के मुताबिक इसका सीधा मतलब यह होता है कि नक्सलियों और राज्य सरकार के बीच ऐसी सहमति बन गई है जो इस प्रतिबंधित संगठन को सुरक्षा घेरा प्रदान करेगी। दूसरे राज्यों में वारदात करके नक्सली उड़ीसा आ जाया करेंगे। चूंकि राज्य में वह शांति नहीं तोड़ेंगे इसलिए राज्य सरकार उनके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
मुख्य सचिव बी. के. पटनायक ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'मध्यस्थों से हुए समझौते के मुताबिक हमने खोज अभियान रोक दिया है। जब तक माओवादी अवैध गतिविधियों में लिप्त नहीं पाए जाते तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।' उन्होंने कहा कि मध्यस्थों के साथ 22 फरवरी को राज्य सरकार द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं का राज्य सरकार सम्मान करेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि अगर स्थिति शांतिपूर्ण रही तो बल प्रयोग की जरूरत नहीं है।
जानकारों के मुताबिक इसका सीधा मतलब यह होता है कि नक्सलियों और राज्य सरकार के बीच ऐसी सहमति बन गई है जो इस प्रतिबंधित संगठन को सुरक्षा घेरा प्रदान करेगी। दूसरे राज्यों में वारदात करके नक्सली उड़ीसा आ जाया करेंगे। चूंकि राज्य में वह शांति नहीं तोड़ेंगे इसलिए राज्य सरकार उनके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
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