नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) ने एक महिला पायलट का लाइसेंस रद्द कर दिया। डीजीसीए ने उस पर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से एयरलाइंस ट्रांसपोर्ट पायलट लाइसेंस (एटीपीएल) हासिल का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि एयरक्राफ्ट कैप्टन के लिए यह लाइसेंस हासिल करना अनिवार्य होता है। इस साल 11 जनवरी को इंडिगो पायलट कैप्टन परमिंदर कौर गुलाटी ने गोवा एयरपोर्ट पर बेहद खराब तरीके से विमान की लैंडिंग कराई।
- डीटीसी में ठेके पर भर्ती ड्राइवरों का टेस्ट शुरू डरे ड्राइवर
- 736 ड्राइवरों को बुलाया गया था, पहुंचे मात्र 424
- फर्जी ड्राइवरों में हड़कंप, परीक्षा केंद्र से मैदान छोड़ भागे
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो : दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) में ठेके पर भर्ती हुए ड्राइवरों का टेस्ट शनिवार को शुरू हो गया। पहले दिन करीब 10 फीसदी ड्राइवर फेल हो गए, जिन्हें उसी वक्त बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, जबकि 312 ड्राइवरों ने मैदान छोड़ दिया है। सिफारिश से आए ड्राइवरों में हड़कंप मच गया है। कई तो रविवार को ड्यूटी पर भी नहीं पहुंचे। उन्हें खतरा ही कहीं टेस्ट में फेल हो गए तो नौकरी चली जाएगी। टेस्ट के लिए रोजाना आठ ड्राइवर प्रत्येक डिपो से बुलाए गए हैं।
शनिवार को 'स्किल टेस्ट' के लिए दोनों शिफ्टों को मिलाकर कुल 736 ड्राइवर (एक शिफ्ट में 368 ड्राइवर ) बुलाए गए थे। इसमें से पहुंचे मात्र 424 ड्राइवर। पहले शिफ्ट में करीब 231 ड्राइवर परीक्षा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाए, लेकिन 7 ड्राइवर बीच में ही मैदान छोड़कर गायब हो गए। आखिरकार रिजल्ट करीब 224 ड्राइवरों का बना। इसी तरह दूसरी शिफ्ट में करीब 200 ड्राइवर परीक्षा में बैठे। कुल मिलाकर 424 ड्राइवरों ने टेस्ट में भाग लिया, जिसमें से करीब 10 फीसदी ड्राइवर फेल हो गए।
सूत्रों के मुताबिक डीटीसी में करीब पांच हजार ड्राइवर ठेके पर भर्ती हुए हैं, जिन्हें इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। एक साल पहले जो ड्राइवर भर्ती हुए थे और एक भी दुर्घटना को अंजाम नहीं दिया, वे भी टेस्ट में फेल हो गए। कई ड्राइवर तो इसलिए भी फेल हो जाएंगे, क्योंकि वे वर्तमान में लो-फ्लोर बसों को चला रहे हैं। जबकि टेस्ट के लिए स्टैंडर्ड साइज की पुरानी बसों का प्रयोग किया जा रहा है, जो अमूमन अपनी उम्र काट चुकी हैं।
बता दें कि मात्र फरवरी में 10 हादसे होने से परेशान डीटीसी प्रबंधन लापरवाही नहीं बरतना चाहती। यही कारण है कि आनन-फानन में ड्राइवरों का टेस्ट लेने की योजना बनाई गई। टेस्ट में फेल होने की खबर फैलने से सभी डिपो में हड़कंप मच गया है। ड्राइवर नौकरी जाने के डर से घबराए हुए हैं। अगर इसी तरह टेस्ट हुआ तो काफी ड्राइवर आउट हो जाएंगे।
गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने इसी सप्ताह खुलासा किया था कि डीटीसी में दर्जनों फर्जी ड्राइवर भर्ती हो गए हैं, जिन्हें पूरी तरह से गाड़ी चलाना आता ही नहीं। डीटीसी को आशंका थी कि ग्रामीण जोन और नार्थ जोन में कुछ ड्राइवर जुगाड़ से भर्ती हो गए हैं
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