Sunday, February 27, 2011

महिला

महिला सशक्तीकरण की दिशा में सरकारी योजनाओं का हश्र देखना हो तो उत्तराखंड पधारें, जहां गरीब महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की योजना खुद गुमनामी में सिसक रही है। केंद्र वित्त पोषित स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना से गत पांच साल में किसी भी महिला को लाभ नहीं मिल सका है। इस निराशाजनक सच्चाई के बीच सुखद पहलू यह है कि योजना के तहत पहली बार सरकार ने 14 महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय मदद दी है। देहरादून में स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना की चिंताजनक तस्वीर इसका पुष्ट उदाहरण है। योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए दो वगरें में वित्तीय सहायता का प्रावधान है। अर्हता सिर्फ इतनी भर कि आवेदक महिला का स्वयं सहायता समूह एक वर्ष की अवधि से चल रहा हो। इसमें रोजगार के लिए समूह की प्रत्येक महिला को दो हजार रुपये और समूह को अधिकतम पच्चीस हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान है। बशर्ते समूह का कामकाज योजना की कसौटी पर खरा उतरे। साथ ही, समूह की बचत राशि की भी गणना की जाती है। जिसके हिसाब से समूहों में प्रोत्साहन राशि बांटी जाती है। दून में भी यह योजना पांच साल पहले शुरू की गई, लेकिन अफसोस इस बीच किसी को भी योजना का लाभ नहीं मिल पाया। योजना के फोकस ग्रुप (गरीब महिलाएं) के बीच निसंदेह जागरूकता का अभाव है, मगर, सरकारी स्तर पर भी योजना के प्रचार-प्रसार की कोई ठोस रणनीति नहीं दिखाई पड़ी। बहरहाल, इस वर्ष 14 महिला स्वयं सहायता समूहों के प्रस्ताव जरूर नगर निगम के पास पहुंचे हैं। योजना के दूसरे वर्ग में अभी तक भी कोई आवेदन नहीं आया है, जिसमें 35 फीसदी अनुदान के साथ अधिकतम तीन लाख रुपये के ऋण का प्रावधान है। उपनगर अधिकारी नीरज पांडे बताते हैं कि पहली बार आगे आए 14 स्वयं सहायता समूहों को महिला दिवस के मौके पर प्रोत्साहन राशि के चेक सौंपे जाएंगे। योजना के प्रचार-प्रसार पर भी खास ध्यान केंद्रित किया जाएगा, ताकि ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके। क्या है प्रक्रिया.. : महिला स्वयं सहायता समूह की ओर से प्रोजेक्ट बनाकर नगर निगम को भेजा जाता है, जिसे निगम अनुमोदन के लिए बैंक भेजता है। सूडा की ओर से लोन का 35 फीसदी अथवा तीन लाख रुपये, जो भी कम हो उसका चैक निगम के मार्फत बैंक को भेजा जाता है। ऐसे में आवेदक को शेष राशि के हिसाब से ही ऋण का भुगतान करना होता है। यह योजना भी पांच वर्ष पूर्व लागू की जा चुकी है, लेकिन इसमें आज तक लोन के लिए निगम के पास कोई प्रस्ताव नहीं आया।

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