Sunday, February 27, 2011

ब्रेकीथेरेपी

गोरखपुर। ब्रेकीथेरेपी से कैंसर का बिना किसी दुष्प्रभाव इलाज संभव है। इससे आसपास की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बगैर सीधे कैंसर ग्रस्त ट्यूमर का इलाज किया जाता है।
यह बातें रविवार को यहां रीजनल कैंसर सेन्टर, कमला नेहरू मेमोरियल हास्पिटल इलाहाबाद के एडिशनल डायरेक्टर डा. एस.पी. मिश्र ने एसोसिएशन आफ रेडिएशन आंकोलॉजिस्ट आफ इण्डिया के यूपी चैप्टर के 24 वें सम्मेलन में कहीं। उन्होंने कहा कि इलाज की इस तकनीक की खास बात यह है कि इसमें सम्बन्धित अंगों की कार्यक्षमता पर प्रभाव नहीं पड़ता। इसमें कैंसर प्रभावित अंग पर एप्लीकेटर लगाकर रिमोट से विकिरण डाला जाता है।
नई दिल्ली के चिकित्सक डा. शैली हुक्कू ने एडाप्टिव रेडियोथेरेपी इन हेड एण्ड नेक कैंसर विषय पर व्याख्यान में कहा कि रेडियोथेरेपी से अंगों की कार्यक्षमता पर भी दुष्प्रभाव नहीं होता। नई दिल्ली की डा. सपना नांगिया ने स्टीरियोटेप्टिक रेडियोथेरेपी के बारे में बताया कि यह रेडियोथेरेपी की अत्याधुनिक तकनीक है। इसका प्रयोग फेफड़ा तथा हड्डी के कैंसर व ब्रेन ट्यूमर में किया जाता है।
पीजीआई लखनऊ की डा. पुनीता लाल ने कहा कि भारी संख्या में कैंसर के मामले लाइलाज होते हैं। बाद में मरीज की मौत हो जाती है। ऐसे में मरीजों को दर्द से निजात के साथ उनकी देखरेख जरूरी है। उन्होंने बताया कि पीजीआई में एक टीम गठित की गई है, जो बुलाए जाने पर मरीजों के घर जाकर देखरेख करती है।
अलीगढ़ मेडिकल कालेज के रेडियोथेरेपी विभाग के प्रोफेसर डा. एस.के. सिद्दीकी ने कहा कि पूरे विश्व में स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं और यह मौत की बड़ी वजह भी है। बच्चेदानी के कैंसर के इलाज की आगरा मेडिकल कालेज की डा. सुरभि गुप्ता ने कहा कि शुरू में पहचान से इसका पूर्ण इलाज संभव है, लेकिन अधिकांश महिलाएं तीसरे व चौथे स्टेज में आती है। सम्मेलन का उद्घाटन विधान परिषद के सभापति गणेश शंकर पाण्डेय ने किया।

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