Saturday, April 9, 2011

एक और तुगलकी क़ानून

 चंडीगढ़ पंजाब में नए सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को तीन वर्ष तक मूल वेतन ही मिलेगा। इसके अलावा महंगाई भत्ता, आवास भत्ता, चिकित्सा भत्ता अथवा अन्य कोई भी वेतनवृद्धि या वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। यही नहीं, तीन वर्ष की अवधि सेवाकाल में शामिल नहीं होगी। पंजाब में नई भर्ती एवं नियुक्ति पर लागू हो चुके नए सेवा कानून में यह व्यवस्था की गई है। हालांकि कानून के दायरे से नए भर्ती होने वाले आईएएस, पीसीएस (एग्जीक्यूटिव, जूडिशियल एंड एलाइड सर्विसेज) को बाहर रखा गया है। इस तरह राज्य सरकार को अगले तीन सालों में करोड़ों रुपये की बचत होगी। गौरतलब है कि राज्य के विभिन्न विभागों में इन दिनों करीब 17हजार कर्मचारियों-अधिकारियो को भर्ती प्रक्रिया जारी है। द पंजाब सिविल सर्विसेज (रेशनलाइलेशन ऑफ कंडीशंज ऑफ सर्विस) एक्ट-2011 नाम के इस कानून के अनुसार, 5 अप्रैल 2011 के बाद होने वाली एवं हो चुकी प्रत्येक नई भर्ती एवं प्रथम ज्वाइनिंग पर यह कानून हर सरकारी विभाग, बोर्ड और निगमों में लागू होगा। कानून के मुताबिक तीन वर्ष की निर्धारित प्रवेश अवधि (इंडक्शन पीरियड) को यदि बढ़ाया नहीं जाता तो संबंधित अधिकारी अथवा कर्मचारी खुद-ब-खुद अपने नियमित समकक्ष को मिलने वाले तमाम वेतन लाभ व भत्ते हासिल करने के योग्य हो जाएगा। यदि किसी कर्मचारी व अधिकारी का तीन वर्ष के दौरान कामकाजी प्रदर्शन एवं व्यवहार संतोषजनक नहीं रहता तो उसकी सेवाएं समाप्त की जा सकती है अथवा उसकी प्रवेश अवधि में पांच वर्ष तक बढ़ोतरी की जा सकती है। कानून के अनुसार, प्रवेश अवधि के दौरान कर्मचारी व अधिकारी को प्रतिवर्ष 12 आकस्मिक अवकाश और गंभीर बीमारी व दुर्घटना की सूरत में 30 दिन तक की असाधारण छुट्टी मिल सकेगी।

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